चिंटू (वेटर से)- इन आलू के पराठों में तो कहीं आलू नजर ही नहीं आ रहे हैं।
वेटर- सर! नाम पर मत जाओ, आपने कभी कश्मीरी पुलाव में कश्मीर को देखा है।
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चिंटू अपनी पत्नी के साथ शहर घूमने गया। होटल में एक कमरा किराए पर लेने के बाद उसने मैनेजर से पूछा- आपके यहाँ खाने का क्या समय है?
मैनेजर ने बताया- सुबह 7 से 11 नाश्ता, दोपहर 12 से 3 बजे तक दिन का खाना और शाम 6 से रात 10 बजे तक रात का खाना।
चिंटू- कमाल है! यदि इतना समय खाने में ही लग जाएगा तो हम शहर कब देखेंगे।
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चिकी (स्कूल बस के कंडक्टर से)- मेरी मम्मी ने कहा था कि कोई परेशानी हो तो कंडक्टर भैया से कह देना।
कंडक्टर- हाँ, कहो? क्या परेशानी है।
चिकी- पहले तो मेरे जूते के फीते बाँध दो, फिर मेरी नाक पोंछ दो। फिर बताती हूँ।
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एक मोहल्ले में पिछले कुछ समय से बहुत चोरियाँ हो रही थी। चिंतित होकर बिल्लू अपने सहपाठी से बोला- हम बहुत गरीब हैं। यह बात चोरों को तो पता नहीं है। पर घर की रखवाली के लिए हमारे पास कोई कुत्ता भी नहीं है। हमें क्या करना चाहिए।
टिल्लू बोला- अगर रात में चोर आ जाए तो हम में से किसी को भौंकना पड़ता है। सब तैयार रहे।
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भीड़ भरी सड़क पर चल रहे रमन को दूसरी तरफ जाना था। उसे कुछ सूझा नहीं तो उसने उस पार खड़े व्यक्ति को आवाज देकर पूछा- ओ भाई साहब! आप उधर कैसे पहुँचे? मुझे भी बता दीजिए।
चमन जवाब दिया- भाई साहब ! मैं तो इस तरफ ही पैदा हुआ था ना।
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रमन (अपने युवा पुत्र से)- टिंकू, ये बार-बार अपनी पैंट ऊपर की ओर मत खींचा कर, मुझे बहुत बुरा लगता है।
पुत्र- पिताश्री! अगर मैं बार-बार पैंट ऊपर नहीं खींचूँगा, तो आपसे ज्यादा बुरा मुझे लगेगा।
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एक बार रमन चमन को डॉक्टर के पास ले गया और बोला- 'डॉक्टर साहब ! मेरा दोस्त अपने आपको रेडियो समझने लगा हैं। दिन भर गाने गाता रहता है।
डॉक्टर ने एक नजर चमन को देखा और बोले- 'आप बिलकुल भी चिंता न करें, मैं इनको ठीक कर दूँगा।' रमन तत्काल बोल पड़ा- 'डॉक्टर! मैं बिलकुल भी चिंतित नहीं हूँ। मैं तो बस यह चाहता हूँ कि जब ये आपसे इलाज करवा कर जाए तो एफएम ट्यून की तरह गाने गाए।
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